नित्ययोग की प्राप्ति (Nitya-Yog Ki Prapti)
- Brand: Gitapress Gorakhpur
- Product Code: GP-0405
In Stock
Rs10.00
- Ex Tax: Rs10.00
परमात्म तत्त्व से हम कभी अलग नहीं हो सकते तथा जगत् कभी हमारा नहीं हो सकता। इस पुस्तक में ईश्वर ओर जीव के नित्य योग में विघ्न रूप सम्पूर्ण बाधाओं का निदान करने वाला स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज के प्रवचनों का सुन्दर संकलन है।
It is a fact that one cannot be separated from supreme self, and that this world can never be ours. No obstruction should be allowed to come in the path of union between God and Jiva. This book is a collection of religious discourses delivered by Swami Ramsukhdas on these topics.